केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अपने हमलों में आई कमी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब राहुल गांधी को लेकर आक्रामक रुख अपनाना उनकी जिम्मेदारी नहीं रही।

इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में ईरानी ने कहा कि अमेठी से चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी पर व्यक्तिगत हमले करने की उनकी भूमिका समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा, "मैंने अमेठी के लोगों से वादा किया था कि मैं उनके लिए काम करूंगी और मैंने इसे निभाया। अब राहुल गांधी पर राजनीतिक हमले करना मेरी प्राथमिकता नहीं है।"

गौरतलब है कि स्मृति ईरानी ने 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी से हराकर सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद वे लगातार गांधी परिवार और कांग्रेस नेतृत्व पर तीखे हमले करती रही हैं। हालांकि हाल के दिनों में उनके बयानों में इस तीखेपन में कमी देखी गई है।

स्मृति ईरानी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अब केंद्र सरकार के कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करना और अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों पर ध्यान देना है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष पर हमला करना पार्टी का सामूहिक निर्णय होता है और वह व्यक्तिगत रूप से राहुल गांधी पर टिप्पणी करने के लिए बाध्य नहीं हैं।

उन्होंने अपने मंत्रालय और महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार की उपलब्धियों पर भी चर्चा की। ईरानी ने कहा कि आज का भारत महिलाओं के नेतृत्व और उनकी भागीदारी के बिना आगे नहीं बढ़ सकता।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्मृति ईरानी का यह रुख भारतीय राजनीति के बदलते समीकरणों का संकेत है। भाजपा फिलहाल विकास और शासन के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि कांग्रेस नेतृत्व बदलते राजनीतिक परिदृश्य में अपनी रणनीति तय कर रही है।

निष्कर्ष:
स्मृति ईरानी का यह बयान दर्शाता है कि भाजपा नेताओं की प्राथमिकताएं अब विपक्षी नेताओं पर सीधे हमले करने के बजाय विकास और प्रशासन पर केंद्रित हो रही हैं। इससे आने वाले चुनावी समीकरणों में भी बदलाव के संकेत मिल सकते हैं।