प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर यूनाइटेड किंगडम (यूके) पहुंचे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और लंबित व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देना है।

लंदन पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और राजा से मुलाकात की। दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए रक्षा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर चर्चा की। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ।

भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) लंबे समय से चर्चा में है। इस समझौते के लागू होने से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समझौता न केवल आर्थिक साझेदारी को गहरा करेगा, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के लिए नए अवसर पैदा करेगा।

दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिले। लंदन में भारतीय प्रवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने समुदाय को संबोधित करते हुए भारत की वैश्विक भूमिका और आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डाला।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा से भारत-यूके संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा। खासकर ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन नए वैश्विक साझेदार खोज रहा है, वहीं भारत के लिए यूरोपीय बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।

निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों में भी मजबूती आने की संभावना है। आने वाले दिनों में इस यात्रा के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण घोषणाएं और समझौते सामने आने की उम्मीद है।