नई दिल्ली, 24 जुलाई 2025 – प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली और मुंबई में अनिल अंबानी से जुड़े लगभग 35 स्थानों पर छापेमारी की है, जिसमें लगभग 50 कंपनियाँ और 25 से अधिक व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है । यह कार्रवाई मूलतः 3,000 करोड़ रुपये के कथित ‘Yes Bank कर्ज फ्रॉड’ और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है।

ED की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस पूरी व्यवस्था को एक “well‑planned scheme” के तहत संचालित किया गया, जिसमें सार्वजनिक राशियों को बैंकों, निवेशकों और शेयरधारकों को धोखा देकर ग़लत ढंग से निकाला गया । एजेंसी का संदेह है कि Yes Bank के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर ₹3,000 करोड़ तक के unsecured loans जारी किए गए थे, जिसे RAAGA (Reliance Anil Ambani Group Companies) की कंपनियों ने ग़लत उपयोग के लिए लिया ।

छापेमारी के दौरान ED ने कंपनियों के लेखा-जोखा, बैंक ट्रांज़ैक्शन रिकॉर्ड और अन्य मौद्रिक दस्तावेज जांच के लिए जब्त किए। पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़े ऋण वितरण, कम या अपर्याप्त दस्तावेज, shell कंपनियों के जरिए पैसे ट्रांसफर करना, और “loan-evergreening” (नया ऋण लेकर पुराने ऋण चुकाना) जेसे पैटर्न ED की जांच में प्रमुख रूप से सामने आए । साथ ही, एक भ्रष्टाचार भरी दिशा भी एजेंसी की जांच के दायरे में है ।

यह कार्रवाई SBI द्वारा हाल ही में अनिल अंबानी और उनकी कंपनी Reliance Communications को ‘fraud’ टैग देने के तुरन्त बाद हुई है । SBI ने जून 2025 में RCom और उनके खिलाफ आधिकारिक ‘fraud’ की घोषणा की थी, और मामला CBI को भेजा गया था । SBI की इस कार्रवाई के बाद CIRP (Corporate Insolvency Resolution Process) भी चल रहा है और NCLT में अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया मुकदमा भी प्रारंभ हो चुका है।

इस पूरे संकट में SEBI, NHB, NFRA, Bank of Baroda और CBI जैसी उच्चस्तरीय संस्थाएं भी ED को सूचनाएँ प्रदान कर रही हैं । SEBI ने Reliance Home Finance Ltd. में गंभीर अनियमितताओं की सूचना दी है, जिसमें FY 2017–18 में ₹3,743 करोड़ का कॉर्पोरेट ऋण FY 2018–19 में ₹8,671 करोड़ तक बढ़ गया था ।