बक्सर से कैरेबियन तक: कौन हैं त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर, और क्या है उनका बिहार से संबंध?

तिरुवनंतपुरम/पोर्ट ऑफ स्पेन, 4 जुलाई — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया त्रिनिदाद और टोबैगो दौरे के दौरान भारत और इस कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र के बीच गहरे ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंधों को उजागर किया। इस रिश्ते का केंद्र बनीं त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर, जिन्हें पीएम मोदी ने स्नेहपूर्वक "बिहार की बेटी" कहा।

पीएम मोदी ने साझा विरासत को बताया गर्व का विषय:::

भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम केवल खून या उपनामों से नहीं जुड़े हैं, बल्कि एक साझा अपनापन हमें जोड़ता है। प्रधानमंत्री कमला के पूर्वज बिहार के बक्सर से थे, और उन्होंने वहां का दौरा भी किया है। वहां के लोग उन्हें अपनी ही बेटी मानते हैं — बिहार की बेटी।”

उन्होंने आगे कहा, “बिहार की समृद्ध विरासत न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व का विषय है। सदियों से बिहार ने कई क्षेत्रों में मार्गदर्शन किया है — और 21वीं सदी में भी यह नए अवसरों का सृजन करता रहेगा।”

कौन हैं कमला प्रसाद-बिसेसर?

कमला प्रसाद-बिसेसर एक प्रतिष्ठित राजनेता और वकील हैं, जिन्हें त्रिनिदाद और टोबैगो की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने 2010 से 2015 तक प्रधानमंत्री पद संभाला और मई 2025 में एक बार फिर सत्ता में लौटकर प्रधानमंत्री बनीं।

22 अप्रैल 1952 को सिपारिया में जन्मी कमला ने शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह अटॉर्नी जनरल, विपक्ष की नेता और फिर प्रधानमंत्री बनीं। वह अपने देश और वैश्विक मंचों पर एक सम्मानित नेता मानी जाती हैं।

बिहार से उनका संबंध:::

कमला प्रसाद-बिसेसर के परदादा पंडित राम लखन मिश्रा बिहार के बक्सर जिले के भेलूपुर गांव के निवासी थे। वह 1889 में एक अनुबंधित मज़दूर के रूप में ब्रिटिश शासन के दौरान त्रिनिदाद पहुंचे थे। उनकी ननिहाल की तरफ से उनकी परनानी सुमरिया तमिलनाडु के चेन्नई से थीं।

कमला का पालन-पोषण एक ऐसे परिवार में हुआ, जहाँ माताएं और नानियां मजबूत स्तंभ रहीं। वह अक्सर कहती हैं कि उनकी माँ और नानी ने उन्हें शिक्षा, सेवा और महिला सशक्तिकरण के मूल्य सिखाए।

बिहार में भावुक वापसी:::

2012 में भारत की राजकीय यात्रा के दौरान कमला प्रसाद-बिसेसर अपने पूर्वजों के गांव भेलूपुर पहुंचीं। गांववासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। भावुक होते हुए उन्होंने कहा, “बिहार मेरे डीएनए में है।”

"बिहार की बेटी" — एक प्रतीकात्मक जुड़ाव:::

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उपयोग किया गया शब्द "बिहार की बेटी" केवल वंश या मूल का प्रतीक नहीं है — यह उस गहरे संस्कृतिक और भावनात्मक संबंध का संकेत है जो प्रवासी भारतीयों को उनके पूर्वजों की भूमि से जोड़ता है, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हों।

कमला प्रसाद-बिसेसर वास्तव में वैश्विक भारतीय भावना की एक जीवंत मिसाल हैं — एक ऐसी महिला जिन्होंने साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक का सफर तय किया, लेकिन अपने बिहार से जुड़ाव को कभी नहीं भूलीं।