भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल “ग्रेस” से सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटे, 18 दिन के अंतरिक्ष प्रवास के बाद पहली बार फिर से धरती की गुरुत्वाकर्षण को महसूस कर उन्होंने इतिहास रचा ।
शुक्ला, जो अक्सिओम‑4 मिशन के पायलट थे, जून के अंत में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बायोलॉजी, मटीरियल साइंस व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग सफलतापूर्वक पूरे किए ।
गुरुवार दोपहर करीब 3:01 बजे IST पर कैलिफ़ोर्निया के पास प्रशांत महासागर में की गई स्प्लैशडाउन के बाद, हाँच खुलते ही पृथ्वी पर कदम रखते हुए शुभांशु को सहयोग से बाहर निकाला गया। इस भावनात्मक क्षण में वे हँसते-हँसते पालथियों से गुरुत्वाकर्षण स्वीकारते नजर आए ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर स्वागत संदेश दिया, “मैं राष्ट्र के साथ जुड़कर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूँ…उन्होंने अटल साहस और प्रेरणा से एक अरब सपनों को जगाया…यह हमारा अग्रणी मानव अंतरिक्ष अभियान, ‘गगनयान’ की ओर एक और माइलस्टोन है” ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया, कहा कि “शुभांशु ने सिर्फ अंतरिक्ष को छुआ नहीं, बल्कि भारत की आकांक्षाओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया” ।
उनके घर लखनऊ में परिवार ने खुशी में रोशनी सजाई, माँ आशा शुक्ला और बहन सुचि की आँखों में गर्व छलक उठा ।
अब क्या अगला कदम?
यह अक्सिओम‑4 मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष यात्रा प्रयास, विशेषकर 2027 में होने वाली ‘गगनयान’ मिशन की तैयारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ISRO, NASA और Axiom Space के सहयोग से यह अनुभव भविष्य की रणनीतियाँ और प्रशिक्षण के लिए अमूल्य साबित होगा ।
इस अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ भारत ने अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है। शुभांशु शुक्ला के इस प्रेरक सफर ने एक बार फिर देश की अंतरिक्ष यात्रा को नई गति से आगे बढ़ाया है।
0 टिप्पणियाँ