5 अगस्त, 2025 को संसद का मानसून सत्र विशेष समेकित पंजीकरण (SIR) को लेकर विपक्ष के तीव्र विरोध की वजह से दोनों सदन — लोकसभा और राज्यसभा — दोहराए गए अवकाश के बीच ठप्प रहा। विपक्ष यह मांग कर रहा है कि बिहार में चल रहे द्वारा निर्वाचन आयोग द्वारा SIR कार्यवाही पर البرلمان में गंभीर बहस हो, लेकिन सरकार ने इसे अस्वीकार किया, यह कहते हुए कि आयोग एक संवैधानिक स्वतंत्र संस्था है और संसद इसका प्रशासनिक काम नहीं कर सकती है। 

सुबह की कार्यवाही पूर्व मुख्यमंत्रियों और सांसदों के निधन का श्रधांजलि सत्र देकर शुरू हुई, जिसमें विशेष रूप से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का स्मरण किया गया। इसके बाद विपक्ष ने SIR पर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके चलते सदनों में अवकाश घोषित न होने तक, हर चरण में शोर-शराबा और अव्यवस्था थी। 

इसके बीच राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का मंच बन चुकी INDIA ब्लॉक की प्रमुख हस्तियाँ — सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत — संसद परिसर में ‘Stop SIR’, ‘Our Vote. Our Right. Our Fight’ जैसे बैनर व नारे के साथ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। 

केंद्रीय गृह मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा, "लोकतंत्र का नाम असमाद है, ये गृह व्यवस्था नहीं, अराजकता फैला रहे हैं"। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद संकट पर प्रश्न उठाते हुए पूछा कि "क्या आप सदन चला रहे हैं या अमित शाह?" उन्होंने सेंट्रल इंटेलिजेंस पुलिस बल (CISF) की अनाधिकृत उपस्थिति को लेकर भी निंदा की। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA संसदीय दल की बैठक में Operation Sindoor और Mahadev की सफलता के लिए हार्दिक स्वागत किया गया और ‘Har Har Mahadev’ के नारों के बीच उनका अभिनंदन हुआ। इस बैठक के दौरान पीएम ने विपक्ष को Operation Sindoor चर्चा मांगने के लिए स्वयं को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बताया। 

केंद्रीय मंत्री मं.ख. मंडाविया ने आग्रह किया कि स्पोर्ट्स एवं एंटी-डोपिंग बिल पारित करने के लिए सहयोग की आवश्यकता है, लेकिन विपक्ष ने उनकी मांग को नकारते हुए कार्यवाही अवरुद्ध रखी।

किरन रिजिजू, संसदीय मामलात मंत्री, ने कहा कि अगर संसद का हाल वही रहा तो सरकार “राष्ट्रीय हित में” बिना चर्चा के भी विधेयक पारित करने के लिए बाध्य हो जाएगी। उन्होंने आगाह किया कि तीन सप्ताह बीत चुके हैं लेकिन एक भी बिल पारित नहीं हुआ है। ये स्थिति देशहित को बनाए रखने की चुनौतियों को उजागर करती है।