पीड़िता की शिकायत के अनुसार, Ashraf कुछ दिन पहले ही पीजी में रहने आई थी, करीब 10 दिन बाद ही उसने उसे अपना खाना–रहना बंद करने की धमकी दी और कहा कि “अगर सहयोग नहीं किया तो व्यवस्था बंद कर दी जाएगी।” जब छात्रा निषेध कर चुकी, तो Ashraf उसे जबरन कार में बैठाकर एक कमरे में ले गया और यौन उत्पीड़न किया—उसने विरोध किया तो आरोप है कि उसे थप्पड़ भी मारा गया और ज़बरदस्ती संबंध बनाए गए ।
इस वारदात की जानकारी मिलते ही पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद FIR की गई और पुलिस ने तत्काल Ashraf को गिरफ्तार कर लिया । इस कार्रवाई से यह मामला महिलाओं की सुरक्षा और शहरी छात्रावास‑पीजी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
अदालत के समक्ष पेश किए गए दस्तावेज़ों में बताया गया कि पीड़िता ने घटना के संबंध में विस्तार से बयान दिया और पुलिस ने आरोपों के आधार पर कानून के अनुसार मुकदमे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारी इसे एक गंभीर घटना बताते हुए कहा कि पीजी‑मकान मालिकों द्वारा रहने वाली लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए ।
यह घटना सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि यह न केवल अपराध का मुद्दा है, बल्कि महिला छात्राओं की स्वतंत्रता और उनकी सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चेतावनी भी है। पुलिस इस घटना की गहराई से जांच कर रही है और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए शीघ्र कार्रवाई करने की बात कह रही है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि पीजी और छात्रावासों में रहने वाली लड़कियों की सुरक्षा क्यों कमजोर बनी हुई है, और शिक्षा संस्थानों सहित संबंधित विभागों को इस दिशा में क्या कदम उठाने चाहिए।
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