झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक सदस्य, आदिवासी आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त 2025 की सुबह 8:56 बजे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ, वे 81 वर्ष के थे । उनके निधन की पुष्टि उनके पुत्र और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की, और इस दौरान उन्होंने कहा, _“आज मैं शून्य हो गया हूँ”_ ।

पिछले कुछ समय से शिबू सोरेन गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। जून 2025 में उन्हें किडनी संबंधी विकार होने के कारण जीवन समर्थन प्रणाली (वेंटिलेटर) पर रखा गया था। बताया गया कि उन्हें लगभग डेढ़ महीने पहले स्ट्रोक भी आया था, और वे लगातार जीवन रक्षा उपकरण पर थे । उनकी पुरानी बीमारियों में मधुमेह, हृदय रोग और किडनी विकार शामिल थे ।

शिबू सोरेन का राजनीतिक सफर लगभग चार दशक लंबा रहा। उन्होंने JMM की स्थापना की और आदिवासी अधिकारों, सामाजिक न्याय एवं झारखंड राज्य के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । वे अठारह वर्षों तक लोकसभा के सदस्य रहे (1980–1984, 1989–1998, 2002–2019) एवं दो बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके थे । तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर रहने के साथ ही, उन्होंने केंद्रीय सरकार में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया ।

उनकी राजनीतिक विरासत उनके बेटे हेमंत सोरेन द्वारा आगे बढ़ाई जा रही है, जो वर्तमान मुख्यमंत्री और JMM अध्यक्ष हैं । उनका नेतृत्व आदिवासी पहचान और क्षेत्रीय राजनीति में नई दिशा तय करता रहा है।

इस प्रबल नेता के निधन से झारखंड एवं भारत की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है । उनके परिजनों व समर्थकों के लिए यह श्रद्धांजलि का समय है और आदिवासी आंदोलन को एक अमिट क्षति भी।