अमेरिका और रूस लंबे समय से गहरे समुद्र में अंडरवाटर प्रभुत्व के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इस प्रतियोगिता में दोनों देशों की परमाणु‑शक्ति संपन्न पनडुब्बियाँ बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जो सबमरीन युद्ध की रणनीतिक दिशा तय कर रही हैं।
अमेरिका: उच्च तकनीक व श्रेष्ठ गुणवत्ता
अमेरिका के पास लगभग 70 परमाणु‑संचालित पनडुब्बियाँ हैं, जो विश्व में सबसे अधिक फैली हुई हैं और वैश्विक पहुँच प्रदान करती हैं। इनमें दो प्रमुख वर्ग हैं:
- Ohio‑Class SSBNs: अमेरिकी नाविक दस्ते की 14 ‘बूमर’ पनडुब्बियाँ जो Trident II D5 SLBM भी ले जा सकती हैं। ये लंबी अवधि की गोपनीय पॉलिट कान्टीन्यूअस स्ट्राइक क्षमता वाली हैं ।
- Attack SSNs: मुख्यतः Virginia‑class Block V ग्रुप, जो अद्यतित सोनार, उन्नत स्टेल्थ तकनीक और Virginia Payload Module के साथ Tomahawk मिसाइल तक 40 हथियार ले जा सकती हैं । इसके अलावा रूस के मुकाबले Seawolf‑class और Los Angeles‑class (688 class) सबमरीन भी अमेरिका के अंडरसी फोर्स का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जहाँ Seawolf केवल तीन नौकाओं में जटिल मिशन क्षमता रखता है और Los Angeles‑class अभी भी US SSN का लगभग आधा हिस्सा बनाता है ।
रूस: संख्या में मजबूत, आधुनिक वर्गों के साथ
रूस की कुल नौ-सिनद से मिली जानकारी के अनुसार अंदाज़न 63 सबमरीन हैं, जिनमें से लगभग 31 परमाणु‑पावरड हैं । उनकी दो महत्वपूर्ण वर्गें निम्नलिखित हैं:
- Borei‑Class SSBNs: नवीनतम रूसी परमाणुबोट्स, जो प्रति पनडुब्बी 16 Bulava ICBMs ले जा सकती हैं। इनका डिजाइन शोर स्तर को काफी कम करता है—Virginia‑class की तुलना में लगभग दो गुना शांत माना जाता है ।
- Yasen‑M Class SSNs (Missile): यह मल्टी‑रोल अटैक पनडुब्बियाँ Kalibr, Oniks और Zircon जैसे क्रूज़ व हाइपर्सोनिक मिसाइलों से लैस हैं। इनके हथियार क्षमता, अधिक गुप्तता, और बहु-भूमिका संचालन के कारण ये अमेरिका की Virginia‑class के प्रतिद्वंद्वी मानी जा रही हैं । विशेषज्ञों का मानना है कि ये अमेरिकी पनडुब्बियों को ट्रैक करना चुनौतीपूर्ण बना देती हैं, इसी समय कुछ दृष्टिकोणों में Virginia‑class श्रेष्ठ ही है ।
तकनीकी कारक: अनुपात बनाम उत्कृष्टता
संख्या की तुलना करें तो अमेरिका की कुल सबमरीन संख्या थोड़ी अधिक है, लेकिन रूसी आधुनिक बेड़े का विस्तार तेजी से हो रहा है। अमेरिका की Virginia‑class Block V अपनी गुणवत्ता, विस्तार क्षमता, और रणनीतिक क्षमताओं के लिए अग्रिम रही है, जबकि रूस ने Borei‑A और Yasen‑M को सक्रिय रूप से तैनात कर आधुनिक तकनीक में तेज़ी से वृद्धि की है।
जहाँ अमेरिका की सबमरीन बेड़े का पूरा फोर्स परमाणु संचालित है, वही रूस मिश्रित बेड़े रखता हैपरमाणु और पारंपरिक दोनों ही। यू.एस. की सबमरीन कम शोर, उच्च गहराई क्षमता, और उन्नत सोनार नियंत्रण वाले हैं, जबकि रूस ने पिछले कुछ वर्षों में इन क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार किए हैं।
रणनीतिक प्रभाव और निष्कर्ष
इस अंडरवाटर प्रतिस्पर्धा का महत्व सिर्फ युद्धक मिसाइलों से नहीं, बल्कि वैश्विक रणनीतिक स्थिरता में भी निहित है। दोनों देशों की सबमरीन तैनातियाँ इशारों की भाषा में मजबूत सुरक्षा संदेश भेजती हैं। 2025 में U.S. द्वारा कुछ पनडुब्बियों की रूस-नजदीक तैनाती जैसी घटनाएँ इस बात का उदाहरण हैं कि ये जलराशियाँ प्रत्यक्ष रणनीतिक उपयोग में लाई जा रही हैं ।
अंततः, अमेरिका की अत्याधुनिक तकनीक, पूर्ण परमाणु बेड़ा और विशाल वैश्विक पहुँच उसे सबमरीन युद्ध में श्रेष्ठ बनाती है। वहीं रूस की संख्या, तेजी से आधुनिक होती नई वर्गें और उच्च क्षमता वाली हथियार प्रणाली इसे एक गंभीर प्रतिद्वंद्वी के रूप में प्रस्तुत करती है।
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