कर्नाटक के धर्मस्थला मंदिर परिसर में सनसनीखेज दावों के बाद Special Investigation Team (SIT) की खुदाई शुरू थी। विवादास्पद आरोपों में एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने कहा कि वर्ष 1995 से 2014 के बीच कई शवों को गुप्त रूप से दफनाया गया था ।

प्रारंभिक जांच

3 जुलाई 2025 को सफाई कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और 4 जुलाई को पुलिस ने केस दर्ज किया। 11 जुलाई को उन्होंने अदालत में अपनी पहचान गुप्त रखकर बयान दर्ज कराया और कथित कंकाल पुलिस को सौंपे गए थे ।

जांच की शुरुआत

जनहित का दबाव बढ़ने पर 19 जुलाई को कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT गठित की, जिसका नेतृत्व DGP (Internal Security Division) प्रणब मोहंती कर रहे हैं ।

28 जुलाई से नेत्रावठी नदी के किनारे स्थित 13 कथित दफन स्थलों की जांच शुरू की गई जिसमें पहले पांच लोकेशन पर कोई अवशेष नहीं मिले थे 8 फीट तक खुदाई के बावजूद । पहले दिन पैन और रुपये कार्ड जैसे व्यक्तिगत दस्तावेज मिले थे, लेकिन हड्डियों का कोई सुराग नहीं मिला ।

SIT द्वारा अहम खोज

31 जुलाई 2025 को SIT ने साइट नंबर 6 पर खुदाई की, जहां लगभग चार फीट गहराई में एक पुरुष के आंशिक स्केलेटल अवशेष पाए गए । यह पहला स्थान है जहां से मानव अवशेष मिले हैं, जो कि अब तक की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण सबूत माना जा रहा है।

वैज्ञानिक प्रक्रिया और सुरक्षा कदम

फॉरेंसिक टीम ने अवशेषों को कब्जे में लिया है और अब प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाएगा ताकि लिंग, उम्र और मौत के कारण जैसी जानकारी प्राप्त की जा सके ।

खुदाई के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया—रैडार आधारित खोज तकनीक पर भी विचार किया जा रहा है, साथ ही बारिश से सतह गीली होने के कारण SIT ने हेल्पलाइन भी शुरू की है ताकि नागरिक भी जानकारी साझा कर सकें ।

वर्तमान स्थिति और आगे का कदम

साइट 6 से मिली खोज से मामले को दिशा मिली है, लेकिन अभी 12 अन्य पहचान किए गए स्थानों की खुदाई बाकी है। SIT मामले की पूरी निष्पक्षता और सुरक्षा के साथ आगे बढ़ रही है। गवाही देने वाले व्यक्ति सहित कई हितधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है ।

निष्कर्ष

इस खोज से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि सफाई कर्मचारी की कथित दफ़नाई की जानकारी में वास्तविकता हो सकती है। यह SIT द्वारा अब तक का पहला ठोस सबूत है और राष्ट्रीय स्तर पर मामले की गंभीरता को बढ़ा रहा है। आने वाले दिनों में और खुलासे की उम्मीद की जा रही है और SIT की कार्यवाही सभी नागरिकों की निगरानी में है।