चीन के तिआनजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि SCO को अपनी स्थापना के मूल सिद्धांतों — आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद — के खिलाफ ‘बिना समझौता’ नीति अपनानी चाहिए

जयशंकर ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमला खास तौर पर धार्मिक तनाव बढ़ाने और पर्यटन में सेंध लगाने के मकसद से किया गया था । उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले की कड़ी निंदा की और सभी योजनाकारों, वित्तदाताओं और कार्यकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने की अपील की गई थी

SCO को ‘तीन बुराइयों’ पर लगातार मजबूत रुख अपनाने की ज़रूरत पर जयशंकर ने बल दिया, ताकि संगठन की वैधता और क्षमता बनी रहे । उन्होंने पाकिस्तान और चीन की मौजूदगी में साफ शब्दों में कहा कि जिन देशों ने आतंकवाद को समर्थन दिया, उन्हें जरूरी जवाबदेही और दंड का सामना करना होगा

जयशंकर ने वैश्विक व्यवस्था में बढ़ती ग़ैर‑स्थिरता और आर्थिक अस्थिरता की ओर ध्यान आकर्षित किया। उनका कहना था कि SCO का एकमात्र विकल्प है क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना, ताकि इन चुनौतियों का सामना मिलकर किया जा सके

इसके अलावा उन्होंने Afghanistan में SCO की रणनीतिक भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि SCO देशों को अफगान जनता की मदद में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, और भारत इसके लिए तैयार है

बातचीत में उन्होंने भारत की SCO में मौजूदा पहल—स्टार्ट‑अप, पारंपरिक दवा, डिजिटल सार्वजनिक ढांचा—पर भी चर्चा की और कहा कि आर्थिक सहयोग में सुधार लाने के लिए विश्वसनीय मार्ग और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन मार्ग (INSTC) को मजबूत करना आवश्यक है

निष्कर्षतः, जयशंकर ने SCO को स्पष्ट संदेश दिया है: यदि संगठन को तमाम संकटों और आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी होना है, तो उसे तीन बुराइयों के खिलाफ सख्त और निःशर्त कदम उठाना चाहिए, जिसका असर क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर भी पड़ेगा।