घटना उस समय हुई जब जिला प्रशासन के दफ्तर में क्लर्क और अधिकारी के बीच किसी कार्य को लेकर बहस हो गई। आरोप है कि बहस के दौरान IAS अधिकारी ने क्लर्क को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हुए उठक-बैठक लगाने के लिए मजबूर कर दिया। वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों और कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो भी बना लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो वायरल होने के बाद शाहजहांपुर के वकील संघ ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह न केवल एक सरकारी कर्मचारी के सम्मान का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी सेवा आचार संहिता के खिलाफ भी है। वकीलों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया और आरोपी अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
वकीलों ने कहा कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए किसी अधिकारी को इस तरह किसी कर्मचारी को अपमानित करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
इस मामले पर जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग अधिकारी के व्यवहार की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि घटना के पूरे संदर्भ को समझना जरूरी है।
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