राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा, "अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा और सम्मान के साथ निर्वहन करने के बाद, मैं अब स्वास्थ्य संबंधित कारणों से उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।"
धनखड़, जो 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए थे, राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्यरत थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बार विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई और सदन को सुचारु रूप से चलाने का प्रयास किया।
धनखड़ का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है। एक समय राजस्थान के राज्यपाल रहे धनखड़ को उनकी स्पष्टवादिता और सख्त रवैये के लिए जाना जाता है। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा के एक अहम चेहरा रहे।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, धनखड़ का यह निर्णय अप्रत्याशित है, लेकिन पत्र में उनके द्वारा स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात को देखते हुए इसे निजी निर्णय माना जा रहा है। फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उनका स्वास्थ्य किस प्रकार से प्रभावित है।
राष्ट्रपति भवन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
धनखड़ के इस्तीफे ने सियासी गलियारों में हलचल जरूर मचा दी है, लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे फिलहाल सार्वजनिक जीवन से थोड़ा विराम लेकर स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
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