भारत के उप प्रदेश डबलिन, आयरलैंड में एक भारतीय नागरिक के साथ हुई नफरत से भरी, नस्लवाद-प्रेरित हमले की घटना ने वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा कर दी है। जिस 40 वर्षीय युवक जो लगभग 3 हफ़्ते पहले ही आयरलैंड आया था, शनिवार शाम (19 जुलाई) को डबलिन के तल्लाघ्ट क्षेत्र में निहत्था चलते फिर रहा था। तभी एक किशोरों के गिरोह ने उस पर बिना किसी कारण हमला कर दिया, उसे बेरहमी से पीटा और उसकी पैंट तक उतरवा दी, जिसके परिणामस्वरूप वह गंभीर रूप से घायल होकर टल्लाघ्ट यूनिवर्सिटी अस्पताल पहुंचाया गया ।

घायल पुरुष के चेहरे, हाथों और पैरों पर बहुत से जख्म, सिर पर लैम्पपोस्ट से टकराने से गंभीर चोटें थीं। स्थानीय निवासी जेनिफर मरे ने बताया कि व्यक्ति “पूरी तरह खून से लथपथ” था और witnesses ने “उसका चेहरा टूटा हुआ” देखा । हमलावरों ने मोबाइल, पैसे, जूते, और अंतर्वस्त्र निकाल लिए, और उसे वहीं छोड़ कर चले गए ।

पुलिस (गार्दाí) ने इस घटना को संभावित हेट क्राइम मानते हुए जांच शुरू की है और उन्होंने स्पष्ट किया कि हमले से पहले युवक पर “बच्चों के आस-पास अनुचित व्यवहार” का झूठा आरोप फैलाया गया, लेकिन जांच में इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है ।

इस घटना की निंदा करते हुए, भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा ने मीडिया में “alleged” शब्दों के उपयोग पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, “कैसे कोई ‘माना गया’ हमला इतना भयानक चोट और खून क्यों ला सकता है?” ।

स्थानीय पार्षद बेबी पेरेप्पादन ने कहा कि पीड़ित “शॉक में था” और अभी कोई मुलाकात नहीं कर रहा है; साथ ही तल्लाघ्ट में पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने की मांग की गई है । वहीं, पार्लियामेंट सदस्य शॉन क्रो (Sinn Féin) ने कहा, “जो यह सोचते हैं कि ऐसी निरर्थक नफ़रत-भरी हिंसा से उनकी कम्युनिटी सुरक्षित होगी, वे झूठ बोल रहे हैं” ।

आईरिश न्याय मंत्री जिम ओ’कैलाघन ने स्पष्ट किया कि “प्रवासी कम ही अपराध करते हैं” और उनकी आबादी के अनुपात से जुदा आरोप बेबुनियाद हैं । इस बीच, स्थानीय समुदाय ने विरोध करने की तैयारी शुरू कर दी है और शुक्रवार (25 जुलाई) को “Stand Against Racism” रैली की घोषणा की है, ताकि नस्लीय हिंसा के खिलाफ एकजुटता दिखाई जा सके ।