मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग को शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की जल्द से जल्द बहाली आवश्यक है।

यह निर्देश मुख्यमंत्री ने हाल ही में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान दिए। इस बैठक में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान शिक्षक बहाली की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की और धीमी प्रक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि योग्य अभ्यर्थियों को समय पर नौकरी नहीं मिल पाना चिंता का विषय है और इसे शीघ्र दूर किया जाना चाहिए।

नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर नियुक्ति को शीघ्रता से संपन्न करें ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया में तकनीकी सहायता और डिजिटल प्रणाली का अधिकतम उपयोग किया जाए, जिससे समय की बचत हो और पारदर्शिता बनी रहे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विभाग को यह सुनिश्चित करने को कहा कि शिक्षकों की गुणवत्ता से समझौता न किया जाए।

गौरतलब है कि बिहार के कई सरकारी स्कूलों में लंबे समय से शिक्षक पद रिक्त हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री के इस सख्त रुख से उम्मीद की जा रही है कि नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आएगी और राज्य के शिक्षा स्तर में सुधार होगा।

नीतीश कुमार के इन निर्देशों को राज्य के शिक्षा सुधार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे लाखों छात्रों और शिक्षकों को लाभ मिलने की संभावना है