इससे पहले, अग्निहोत्री और उनकी पत्नी, अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था और FIRs को निरस्त करने की मांग की थी। ये FIRs मुर्शिदाबाद जिले में फिल्म का टीज़र जारी होने के तुरंत बाद दर्ज किए गए थे। बाद में, कोलकाता के लेक टाउन पुलिस स्टेशन में भी FIR दर्ज की गई थीं। आरोप है कि फिल्म में कुछ ऐसे संवेदनशील दृश्य हो सकते हैं, जो राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र को प्रभावित कर सकते हैं ।
फिल्म और पृष्ठभूमि:
“The Bengal Files” विवेक अग्निहोत्री की “Files” त्रयी की तीसरी कड़ी मानी जा रही है—पहली थी “The Tashkent Files” (2019), और दूसरी थी “The Kashmir Files” (2022)।
पश्चिम बंगाल में इससे पहले भी राजनीतिक रूप से उच्च-प्रोफ़ाइल फिल्मों को लेकर विवाद हो चुका है—जैसे मई 2023 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा “The Kerala Story” की राज्य में प्रदर्शनी पर रोक, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था ।
प्रमुख बिंदु:
न्यायाधीश सेनगुप्ता ने FIRs संबंधी सभी कानूनी प्रक्रियाओं को अगली सुनवाई (19 अगस्त) तक थाम दिया है।
26 अगस्त तक किसी भी सरकारी या पुलिस द्वारा कोई दबाव, गिरफ्तारी या कार्यवाही नहीं की जाएगी।
अगली सुनवाई में FIRs की वैधता, फिल्म की संवेदनशील सामग्री और सांप्रदायिक प्रभाव की संभावनाओं पर कानूनी वकील और सॉलिसिटर द्वारा बहस होगी।
प्रभाव और आगे की राह:
इस निर्णय से फिलहाल फिल्म-makers को प्रति केंद्रीय आपराधिक आरोपों से निजात मिल गई है। फिल्म की रिलीज़ और प्रचार गतिविधियों में देरी की आशंका कम हुई है, लेकिन यदि अगली सुनवाई में कोर्ट FIRs को सही ठहराता है, तो फिर भी कानूनी प्रतिकूल प्रभाव संभव है।
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