नई दिल्ली / मनीला, 4 अगस्त 2025: फ़िलिपीन्स के राष्ट्रपति फ़र्नांदिंडो R. मार्कोस जूनियर सोमवार को भारत के चार दिवसीय औपचारिक दौरे पर भारत पहुँच गए। यह उनकी 2022 में पद संभालने के बाद पहली राजकीय यात्रा है । राष्ट्रपति के साथ प्रथम महिला लुईज़ अरानेटा मार्कोस, कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी एवं एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद है ।

राजदूत S. जयशंकर ने बताया कि इस दौरे का महत्वपूर्ण उद्देश्य रक्षा, समुद्री सहयोग, व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मा व डिज़िटल तकनीक जैसे क्षेत्रों में समेकित रणनीतिक सम्बंधों को आगे बढ़ाना है । भारत–फ़िलिपीन्स के बीच कूटनीतिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे, और यह यात्रा 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आ रही है ।


मेरीटाइम सहयोग: पहली संयुक्त समुद्री अभ्यास


भारत और फ़िलिपीन्स ने शुक्रवार एवं शनिवार (3–4 अगस्त) को दक्षिण चीन सागर के विवादास्पद जलक्षेत्र में अपनी पहली द्विपक्षीय “maritime cooperative activity” शुरू की, जिसमें भारतीय नौसेना पोत INS Delhi, INS Shakti, INS Kiltan और INS Sandhayak शामिल हैं ।

भारत के राजदूत हर्ष कुमार जैन ने बताया कि यह ऐतिहासिक नौसैनिक अभ्यास और भारतीय जहाजों की यात्रा राष्ट्रपति मार्कोस के भारत दौरे के लिए सकारात्मक वातावरण बनाएगी, जो दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है — “एक मुक्त, खुले और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक” क्षेत्र के लिए । फ़िलिपीन्स की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख जनरल रोमियो ब्रॉनर जूनियर ने इन अभ्यासों को अधिकारिक नौवहन की स्वतंत्रता की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून के प्रति साझा संकल्प के रूप में सराहा ।

बीजिंग ने इन अभ्यासों की कड़ी आलोचना की है, और इसे “प्रदर्शन राजनीति” करार दिया है; चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतीकात्मक पहल है, जिससे भारत अपनी उपस्थिति को दर्शाना चाहता है, जबकि नेतृत्व क्षमता दिखाने का प्रयास भी हो सकता है । अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है, हालांकि फ़िलिपीन्स की नौ सेना ने कहा कि उन्हें “छाया जैसा पीछा किया गया” लेकिन किसी प्रकार का सीधा टकराव नहीं हुआ ।


रक्षा खरीद व रणनीतिक साझेदारी: आगे की राह

फ़िलिपीन्स ने पहले ही भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल प्रणाली खरीदी है — यह भारत की पहली विदेशी बिक्री थी, जिसकी पहली खेप अप्रैल 2024 में पट्टा चढ़ाई गई थी । अब देश और अधिक रक्षा उपकरण एवं प्रणालियाँ खरीदने की ओर देख रहा है, जिसमें ब्रह्मोस की अगली खेपें भी शामिल हैं । विश्लेषकों एवं विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा रक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूती प्रदान कर सकती है। जैसे-जैसे दोनों देश क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों (विशेषतः दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दखलंदाज़ी) का सामना कर रहे हैं, वे एक-दूसरे के साथ और अधिक सहयोग स्थापित कर रहे हैं ।

राष्ट्रपति की यात्रात्मक कार्यसूची

  1. 4 अगस्त: न्यू दिल्ली में दोपहर आगमन, S. जयशंकर से मुलाकात
  2. 5 अगस्त: राजघाट पर श्रद्धांजलि, PM मोदी से द्विपक्षीय वार्ता, MoU की घोषणा, JP नड्डा व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात
  3. बाद में: बेंगलुरु की यात्रा और राज्यपाल से शिष्टाचार मुलाकात
  4. 8 अगस्त: भारत से विदाई ।

निष्कर्ष

मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा और भारत–फ़िलिपीन्स की पहली संयुक्त समुद्री अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते समुद्री सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण संकेत हैं। इस दौरान रक्षा उपकरण खरीद, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, व्यापार विस्तार, और सामरिक हितों की साझा समझ का समावेश है। यह यात्रा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता, समुद्री सुरक्षा, और मुक्त समुद्रों के पक्ष में दोनों देशों की संयुक्त प्रतिबद्धता को उजागर करती है।