नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और Axiom-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से एक भावनात्मक विदाई संदेश साझा किया, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया। उन्होंने कहा, “41 साल पहले राकेश शर्मा ने जो भारत देखा था, आज का भारत अंतरिक्ष से महत्त्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वासी और गर्व से भरा दिखाई देता है… और यह अब भी सारे जहाँ से अच्छा है।” उनका यह वक्तव्य भारत की बदलती वैश्विक छवि और आत्मनिर्भरता की भावना को दर्शाता है।
Axiom-4 मिशन 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था। 26 जून को मिशन की सफल डॉकिंग के साथ शुभांशु शुक्ला ने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में ISS में कदम रखा, जिन्होंने शून्य गुरुत्वाकर्षण में तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया। मिशन के दौरान उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों का नेतृत्व किया जिनमें मांसपेशी, हड्डी, बायोमेडिसिन, माइक्रो-शैवाल जैसे क्षेत्रों से जुड़े प्रयोग शामिल थे। यह प्रयोग भविष्य में दीर्घकालिक अंतरिक्ष यात्रा और मानव स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं।
अपने विदाई भाषण में शुक्ला ने कहा कि जब विभिन्न देश और वैज्ञानिक एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो मानवता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। उनके इस भाषण को न केवल भारतीयों ने बल्कि विदेशी सहयोगियों ने भी खूब सराहा। “आज का भारत” की उनकी पंक्ति ने राकेश शर्मा की ऐतिहासिक लाइन को एक आधुनिक संदर्भ में पुनर्जीवित किया।
अब Axiom-4 टीम की वापसी 14 या 15 जुलाई को Crew Dragon ‘Grace’ स्पेसक्राफ्ट के ज़रिए होने वाली है, जो प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा। वापसी के बाद शुभांशु मेडिकल परीक्षण और डिब्रीफिंग प्रक्रियाओं से गुजरेंगे। माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में उन्हें गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन (2026–27) में भी एक प्रमुख भूमिका दी जा सकती है।
लखनऊ से पढ़ाई शुरू करने वाले शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा उन लाखों भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है, जो विज्ञान, अंतरिक्ष और देश सेवा का सपना देखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “आपका नाम ही शुभारंभ का संकेत है।”
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