रंगभेद के खिलाफ थी आवाज
सं रेचल एक मॉडल नहीं थीं, बल्कि रंगभेद के खिलाफ खड़ी एक बहादुर आवाज थीं। डार्क स्किन के कारण उन्हें पहले ट्रोल किया गया, लेकिन उन्होंने उसी रंग को अपनी पहचान बना लिया। उन्होंने “मिस डार्क क्वीन तमिलनाडु 2019” का खिताब भी जीता और बाद में “मिस पुदुचेरी 2021” बनने के बाद देशभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
मॉडलिंग से परे था उनका मिशन
सं रेचल का मकसद सिर्फ फैशन शो में भाग लेना नहीं था, बल्कि वे समाज में यह संदेश देना चाहती थीं कि सुंदरता का कोई रंग नहीं होता। उन्होंने आत्म-स्वीकृति और आत्मसम्मान का समर्थन किया और कई युवतियों को आत्मबल की प्रेरणा दी। वे मिस अफ्रीका गोल्डन 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी थीं, जो उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान को दर्शाता है।
मानसिक स्वास्थ्य बनी कारण
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि सं रेचल डिप्रेशन से जूझ रही थीं। उन्होंने आत्महत्या से पहले कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा, लेकिन घटनाओं की कड़ी को देखते हुए मानसिक स्वास्थ्य की बिगड़ती स्थिति को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। उनके करीबी दोस्तों का कहना है कि वे हाल के दिनों में चुप और तनाव में थीं।
जागरूकता का समय
यह घटना न सिर्फ मॉडलिंग इंडस्ट्री को झकझोरती है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है। जब एक खूबसूरत, आत्मविश्वासी और सफल युवती ऐसा कदम उठा सकती है, तो यह हम सभी के लिए चेतावनी है कि हमें एक-दूसरे को समझना, सुनना और समय रहते मदद करनी चाहिए।
एक प्रेरणा की चुप होती आवाज
सं रेचल की मौत से समाज ने न सिर्फ एक प्रतिभाशाली मॉडल को खोया, बल्कि एक ऐसी प्रेरणा को भी, जो सौंदर्य के तय मापदंडों को तोड़ रही थी। उनके जाने के बाद अब ज़रूरत है उनके मिशन को आगे बढ़ाने की जहाँ हर रंग, हर रूप और हर मानसिक स्थिति को समान समझा जाए।
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