घटना के दिन एक साथी छात्र ने उसे बचाने की कोशिश की और उसे भी गंभीर रूप से झुलसने की चोटें छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल से AIIMS भुवनेश्वर रिफर किया गया। वहाँ 12-सदस्यीय डॉक्टरी टीम द्वारा इंटेंसिव केयर में रखा गया, लेकिन 14 जुलाई की रात को गंभीर हालात को देखते हुए 11:46 बजे उसने अंतिम सांस ली । उसका पार्थिव शरीर उसकी पैतृक धरती भोगोराई, बालासोर ले जाया गया, जहाँ पूरे गांव में शोक का माहौल बना हुआ हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मज़ी ने इस घटना पर गहरा दुःख जताया और कहा कि “सरकार दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए गंभीर है” । उन्होंने स्वर्गीय की आत्मा की शांति व परिवार को संबल देने की कामना की। साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया राज्यपाल हरि बाबु कांभंपाती ने विश्वविद्यालयों में छात्र‑सुरक्षा की समीक्षा मांगते हुए सरकार से रिपोर्ट तलब की और युवती की सेहत पर अस्पतालों को सतर्क रहने के आदेश दिए ।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हुई: विपक्षी दल कांग्रेस और बीजेडी ने मामले पर तीखी आलोचना की, BJP को “Beti Padhao, Beti Jalao?” (बेटी पढ़ाओ या जलाओ?) के नारों के साथ कठोर लहज़े में घेरा । कांग्रेस मांग कर रही है कि इस मामले की जांच राज्य उच्च न्यायालय या CBI द्वारा करवाई जाए । पूर्व CM नवीन पटनायक ने भी राज्यपाल से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की अपील।
AIIMS के अधिकारियों ने अनुसार ऐसी घटनाओं को रोके जाने के लिए संस्थागत जांचो और त्वरित कार्यवायी की आवश्यकता है। सरकार ने मृत छात्रा और घायल साथी छात्र का इलाज मुफ्त करने तथा दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
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