शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को बेंगलुरु व दिल्ली में स्कूलों को ईमेल द्वारा भेजी गई बम धमकियों से दहशत व्याप्त हो गई। बेंगलुरु में लगभग 40 निजी स्कूलों को ‘TNT प्लांट’ से जुड़ी धमकी भरी ईमेल मिली, जबकि दिल्ली में इसी दिन पहले ही लगभग 45 स्कूलों को ऐसी धमकियाँ पहुँची थीं ।

घटनाक्रम

  • बेंगलुरु के आरआर नगर, केेंगेरी और रजराजेश्वरी नगर जैसे इलाकों में सुबह साढ़े सात बजे स्कूलों के आधिकारिक ईमेल पर बम रखा गया है जैसी धमकी भरी ईमेल पहुंची

  • ईमेल में लिखा था: “नहीं बचेगा कोई भी जान” और “TNT डिवाइस स्कूल परिसर में छिपाए गए हैं”

व्यवस्थागत प्रतिक्रिया

  • पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बम निरोधक दस्ते (BDS) और एंटी-सैबोटाज टीम स्कूलों में भेजीं।

  • छात्रों और शिक्षकों को तत्काल खाली कराने के बाद परिसर की व्यापक जांच की गई, लेकिन वहां कोई संदिग्ध पदार्थ नहीं मिला

दिल्ली की स्थिति

  • राजधानी में भी यही पैटर्न दोहराया गया– 45 स्कूलों को धमकी ईमेल भेजी गई, जिनमें कई प्रतिष्ठित संस्थान शामिल थे

  • धमकी भरे ईमेल में TNT विस्फोटक, काले प्लास्टिक बैग में छिपाकर कक्षा में रखा गया बताया गया और “एक भी जीव बचेगा नहीं” जैसी भाषा का इस्तेमाल हुआ

कुल मिलाकर प्रकरण

  • इन घटनाओं के साथ ही इस हफ्ते दिल्ली व बेंगलुरु में कुल मिलाकर लगभग 100 स्कूलों को धमकियाँ भेजी जा चुकी हैं; दिल्ली में लगभग 60 और बेंगलुरु में 40 विद्यालय प्रभावित हुए

  • पुलिस का मानना है कि ये धमकियाँ भ्रमित या ‘होक्स’ हो सकती हैं, क्योंकि अभी तक किसी भी जगह विस्फोटक नहीं मिला

जांच–पड़ताल

  • अधिकारियों ने डिजिटल फॉरेंसिक शुरू कर दी है। मेल के हेडर और IP ट्रेसिंग के आधार पर स्रोत की पहचान की जा रही है, संभवत: VPN और एन्क्रिप्टेड माध्यमों द्वारा भेजे गए ईमेल

  • दिल्ली पुलिस का दावा है कि इस तरह की धमकी देने वाले व्यक्ति “डार्क वेब में छुपकर” ऐसी हरकत कर रहे हैं, जिन्हें ट्रेस करना मुश्किल है


निष्कर्ष

दिल्ली और बेंगलुरु में शुक्रवार को एक साथ स्कूलों को भेजी गई झूठी बम धमकियों ने व्यापक घबराहट पैंदा की। हालांकि तत्काल जांच में कोई विस्फोटक नहीं मिला, लेकिन ये घटनाएँ यह स्पष्ट कर रही हैं कि इस प्रकार की साइबर-आधारित धमकियाँ एक नया, खतरनाक पैटर्न बनती जा रही हैं। पुलिस और साइबर-क्राइम एजेंसियाँ फिलहाल स्रोत की लोकेशन खोजने, संदिग्धों की पहचान करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में कदम उठा रही हैं।


🔍 आपकी जानकारी के लिए:

  • कोई विस्फोटक नहीं मिला, धमकियाँ फिलहाल धोखा (होक्स) लग रही हैं।

  • स्कूल प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।

  • साइबर ट्रैकिंग से यह सारा नेटवर्क उजागर करने की प्रक्रिया चल रही है।

यदि आप चाहें तो मैं इसपर और जानकारी या संदिग्ध पैटर्न पर शोध भी प्रस्तुत कर सकता हूँ।