सूत्रों के अनुसार, इस व्हिसलब्लोअर ने जांच अधिकारियों को महत्वपूर्ण जानकारी सौंपी है, जिसमें इन स्थलों के सटीक स्थान और संभावित गुप्त गतिविधियों का विवरण शामिल है। इन स्थलों को लेकर कहा जा रहा है कि ये लंबे समय से स्थानीय लोगों के संदेह के दायरे में थे।
पिछले कुछ हफ्तों में धर्मस्थल मंदिर प्रबंधन पर बड़े पैमाने पर अवैध दफन की शिकायतें सामने आई थीं। इसके बाद राज्य सरकार ने जांच शुरू की थी। शुरुआती चरण में प्रशासन ने आरोपों को नकारा था, लेकिन बाद में दबाव बढ़ने के बाद विस्तृत जांच का आदेश दिया गया।
व्हिसलब्लोअर के दावे के बाद, पुलिस और फॉरेंसिक टीमें अब इन संदिग्ध स्थलों का वैज्ञानिक तरीके से निरीक्षण करने की तैयारी में हैं। सूत्रों का कहना है कि इन स्थलों से मिले सबूत आगे की जांच की दिशा तय कर सकते हैं।
मंदिर प्रबंधन ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि यह संस्था वर्षों से सामाजिक और धार्मिक कार्यों में पारदर्शिता से जुड़ी रही है। वहीं, स्थानीय लोग और कुछ सामाजिक संगठन इस मामले में पारदर्शी व निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
राजनीतिक हलकों में भी इस खुलासे ने हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर इतने गंभीर आरोपों के बावजूद पहले ही दिन से कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
अब देखना होगा कि जांच एजेंसियां इन 15 संदिग्ध स्थलों पर क्या निष्कर्ष निकालती हैं और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।
0 टिप्पणियाँ